उत्तराखंड: आधा दर्जन से ज्यादा ऐतिहासिक महत्व वाले विश्राम गृहों को संवारेगा वन विभाग


जल्द ही प्रदेश में वन विभाग के करीब आधा दर्जन वन विश्राम गृहों की सूरत बदली हुई नजर आएगी। विभाग ने इन विश्राम गृहों के जीर्णोद्धार का फैसला करते हुए, इसके लिए धनराशि जारी कर दी है। 
 

प्रदेश में वन विभाग के अधीन करीब 250 वन विश्राम गृह हैं। इनमें से कई विश्राम गृह सालों पुराने हैं और उनका ऐतिहासिक महत्व है। अधिकतर वन विश्राम गृह वन क्षेत्रों में स्थित है और पर्यटकों की पहली पसंद हैं।

वन विभाग की कोशिश है कि इन विश्राम गृहों में पर्यटकों को ठहरने के लिए बेहतर व्यवस्था की जाए। इसी को देखते हुए करीब आधा दर्जन वन विश्राम गृहों के जीर्णोद्धार का फैसला लिया गया है। इसके तहत रामनगर के समीप मोहान वन विश्राम गृह के लिए करीब 20 लाख रुपये सशर्त स्वीकृत किए गए हैं।

तय ये किया गया है कि इतनी धनराशि की व्यवस्था गोला कॉर्पस फंड से की जाए। यह नहीं होता है तो वन विकास निगम की ओर से इस विश्राम गृह के सुधार के लिए 20 लाख रुपये दिए जाएंगे। इसी तरह मोतीचूर वन विश्राम गृह के सुधार के लिए 15 लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।

मसूरी वन प्रभाग में वन विश्राम गृह देवलसारी के जीर्णोद्धार के लिए छह लाख, वन विश्राम गृह नाली के लिए 2.5 लाख, धनोल्टी वन विश्राम गृह के लिए छह लाख, तिमली वन विश्राम गृह के लिए चार लाख, लांघा वन विश्राम गृह के लिए पांच लाख और रानीखेत वन विश्राम गृह के लिए पांच लाख रुपये स्वीकृत किए गए हैं।  वन विभाग ने धौलाखंड वन विश्राम गृह की सोलर फेंसिंग करने का भी फैसला किया है। इसके लिए चार लाख रुपये की व्यवस्था की गई है।